अब Trump ने 'उन' को चेताया, 'छोड़ दो परमाणु हथियारों की जिद, वरना गद्दाफी जैसा होगा हश्र'
अब Trump ने 'उन' को चेताया, 'छोड़ दो परमाणु हथियारों की जिद, वरना गद्दाफी जैसा होगा हश्र'
Updated May 18, 2018 | 08:22 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन के बीच 12 जून को प्रस्तावित शिखर वार्ता पर संकट मंडराने लगे हैं। किम के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरियाई नेता को खुली चेतावनी दी है।
तस्वीर साभार: AP, File Image
किम जोंग-उन/डोनाल्ड ट्रंप
वाशिंगटन : उत्तर कोरिया ने दो दिन पहले ही दक्षिण कोरिया के साथ होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता रद्द कर दी थी और अमेरिका के साथ अगले महीने होने वाली शिखर वर्ता को लेकर भी चेतावनी दी थी, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन की बहुप्रतीक्षित एवं ऐतिहासिक शिखर वार्ता की संभावनाओं पर संकट मंडराने लगे।
उत्तर कोरिया की नाराजगी अपनी ओर से 'सकारात्मकता' दिखाए जाने क बावजूद कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच जारी संयुक्त सैन्याभ्यास को लेकर थी। साथ ही उसने यह भी कहा कि अमेरिका उससे परमाणु हथियार कार्यक्रम छोड़ने की 'एकतरफा मांग' कर रहा है, जबकि उसके 'हितों' की सुध नहीं ली जा रही।
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अब अमेरिका के राष्ट्रपति ने उत्तर कोरियाई नेता को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि उसे 'सुरक्षा' तभी मिलेगी, जब किम प्रशासन परमाणु हथियार कार्यक्रमों को पूरी तरह छोड़ दे। इस क्रम में उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता को लीबिया और उसके पूर्व शासक मुअम्मार गद्दाफी की भी याद दिलाई, जिनकी 2011 में विद्रोहियों के हाथों हत्या कर दी गई थी। तब वहां अमेरिकी ने दखल देते हुए विद्रोहियों को अपना समर्थन दिया था।
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उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को अपनी 'सुरक्षा' के लिए 'जरूरी' मानते हुए इसे रखने पर जोर दे रहा है। इसे छोड़ने पर उसे अपना हाल भी गद्दाफी जैसा होने का अंदेशा है, जिन्होंने वर्ष 2000 के दशक में परमाणु कार्यक्रम छोड़ दिया था।
उत्तर कोरिया की इन आशंकाओं पर ट्रंप ने कहा कि यदि किम परमाणु हथियार कार्यक्रम छोड़ देते हैं तो उन्हें 'सुरक्षा जरूर मिलेगी', लेकिन यदि इस कोरियाई देश के साथ इस दिशा में कोई समझौता नहीं हो पाता है तो किम को 'गंभीर' परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। लीबिया में जो कुछ भी हुआ, उसका जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा, 'यदि डील नहीं होती है तो यहांं भी वह मॉडल अपनाया जाएगा।'
ओवल ऑफिस में नाटो महासचिव जेन्स स्टॉलटेनबर्ग के साथ एक बैठक के दौरान ट्रंप ने यह भी कहा कि वह किम के साथ अपनी प्रस्तावित वार्ता के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर कोई बात नहीं करेंगे।
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इस बीच, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता डाना व्हाइट ने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य अभ्यास पहले से ही तय था और इसका मकसद 'आत्मरक्षा' और दोनों देशों के सुरक्षा बलों को किसी भी परिस्थति के लिए तैयार करना है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सुरक्षा बलों के बीच सैन्य अभ्यास 'मैक्स थंडर' सोमवार को शुरू हुआ, जो 25 मई को समाप्त होगा। उत्तर कोरिया ऐसे सैन्य अभ्यासों को अपने खिलाफ 'युद्ध की तैयारी' के तौर पर देखता है।
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