आनंद लहर
आनंद लहर सद्गुरु, ईशा फाउंडेशन सद्गुरु एक प्रबुद्ध योगी हैं, जिनका योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण अधिकार है। सद्गुरु ने योग के गूढ़ आयामों को आम आदमी के लिए इतना सहज बना दिया है कि हर व्यक्ति उस पर अमल कर के अपने भाग्य का स्वामी खुद बन सकता है। अब से तीस साल पहले मैसूर में चामुण्डी पहाड़ी की चट्टान पर, दोपहर में तपते सूरज के नीचे उनमें आत्मज्ञान का उदय हुआ। इस घटना के बाद युवा ‘जग्गी’ का ‘सद्गुरु’ में रूपांतरण हो गया। अपने उस अनुभव का वर्णन करते हुए सद्गुरु कहते हैं, “मेरे पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था क्योंकि वह बताया ही नहीं जा सकता, मुझे सिर्फ इतना ही पता था कि मुझे एक सोने की खान मिल गई है, मेरे भीतर एक गुमनाम सोने की खान थी जिसे मैं एक पल के लिए भी खोना नहीं चाहता था। मेरे पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था क्योंकि वह बताया ही नहीं जा सकता, मुझे सिर्फ इतना ही पता था कि मुझे एक सोने की खान मिल गई है, जिसे मैं एक पल के लिए भी खोना नहीं चाहता था। मेरे भीतर आनंद फूट रहा था। मुझे पता था कि जो हो रहा है वह निरा पागलपन है, लेकिन मैं एक पल के लिए भी इस