विचार करे

धर्म क्या है
मैं मानता हूं धर्म एक मार्ग है जिसके सहायता से हम ईश्वर के नजदीक पहुंचते हैं
प्रकृति के प्रति और इस संसार के प्रति अपने कर्तव्य की पूर्ति निस्वार्थ भाव से करते हैं

हिंसा क्रोध अहंकार महत्वकांक्षा लोभ स्वार्थ अगर मनुष्य में प्रबल है तो मनुष्य अधर्म के मार्ग पर अग्रसर होता है

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यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे