वैसे भी हम शिव जी के भक्त हैं दूसरों की खुशी से हमें खुशी मिलती है

तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है
मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा तुम हमेशा खुश रहो
मुझे तुमसे ना आज कुछ चाहिए ना पहले कुछ चाहिए था मैं तो सच्चा प्रेम करता हूं और हमेशा करता रहूंगा

बस मुझे ऐसा एहसास हुआ कि हमें एक दूसरे से दूर    हि  ही रहना चाहिए इसी में हमारी भलाई है
क्योंकि मैं तुम्हें देखने के बाद पूरी दुनिया भूल जाता हूं
और इतना ज्यादा प्रेम शायद हमारे लिए अच्छा नहीं होगा


सामने तुम्हारे मैं कभी पडना नहीं चाहता
क्योंकि मुझे ऐसा लगता है की तुम मेरे बिना ही बहुत ज्यादा खुश हो
और मुझे भी तुम्हारे होने या ना होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता प्यार तो एहसास है जो हमेशा मेरे साथ रहता है

वैसे भी हम शिव जी के भक्त हैं दूसरों की खुशी से हमें खुशी मिलती है और यह सिर्फ मैं सिर्फ लिख नहीं रहा मेरे साथ यही सही है

प्रेम करता हूं तुमसे और हमेशा करता रहूंगा
तुम मुझसे प्रेम नहीं करती मैं जानता हूं करना भी मत मैं यही चाहता हूं

Comments

Popular posts from this blog

50 रुपए के 5ml CRUDE SPAGYRIC ESSENCE से 50 ml D1 या 500ml D2 या 5000 ml (5L) D3 बना सकते हैं।

यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे